कुली मूवी रिव्यू हिंदी में: रजनीकांत की ‘कुली’ – एक्शन, स्टाइल और मास अपील का धमाकेदार कॉम्बो

कुली मूवी रिव्यू: रजनीकांत की धमाकेदार वापसी, लोकेश कनगराज का जादू या औसत कहानी?

14 अगस्त 2025 को रिलीज हुई रजनीकांत की ‘कुली’ ने सिनेमाघरों में तूफान मचा दिया है। लोकेश कनगराज के निर्देशन में बनी यह एक्शन-थ्रिलर फिल्म रजनीकांत के फैंस के लिए एक खास तोहफा है। नागार्जुन, श्रुति हासन, सत्यराज, उपेंद्र और आमिर खान जैसे सितारों से सजी यह फिल्म एडवांस बुकिंग में 100 करोड़ से अधिक की कमाई के साथ रिकॉर्ड तोड़ चुकी है। लेकिन क्या यह फिल्म अपने हाइप पर खरी उतरती है? इस फिल्म के बेस्ट पॉइंट्स और कमियों का विश्लेषण करते हैं।

कुली मूवी रिव्यू: रजनीकांत की धमाकेदार वापसी, लोकेश कनगराज का जादू या औसत कहानी?

कहानी: बदले की आग में सस्पेंस का तड़का
‘कुली’ की कहानी देवा (रजनीकांत) के इर्द-गिर्द घूमती है, जो एक पूर्व दिहाड़ी मजदूर और स्मगलर है। अपने दोस्त राजशेखर (सत्यराज) की रहस्यमयी मौत के बाद देवा इंसाफ की तलाश में जुट जाता है। ऑटोप्सी में इसे कार्डियक अरेस्ट बताया जाता है, लेकिन देवा को हत्या का शक होता है। जांच में पता चलता है कि राजशेखर खतरनाक बिजनेसमैन साइमन (नागार्जुन) के लिए काम करता था और एक खास डिवाइस बनाई थी। देवा, राजशेखर की बेटी प्रीति (श्रुति हासन) की मदद से साइमन के गैंग में घुसपैठ करता है। कलीशा (उपेंद्र) और दाहा (आमिर खान) जैसे किरदार कहानी में ट्विस्ट जोड़ते हैं।

पहला हाफ सस्पेंस और रजनीकांत की ग्रैंड एंट्री से दर्शकों को बांधे रखता है, लेकिन सेकंड हाफ में कुछ सब-प्लॉट्स कहानी को थोड़ा कमजोर करते हैं। फिर भी, लोकेश की स्टाइल और रजनीकांत का करिश्मा इसे मनोरंजक बनाता है।

बेस्ट पॉइंट्स

  1. रजनीकांत का बेजोड़ स्वैग: 74 साल की उम्र में रजनीकांत का स्टाइल और एक्शन बेमिसाल है। उनकी एंट्री और डी-एजिंग सीन्स थिएटर में तालियां बटोरते हैं। मैनशन और ट्रेन वाले एक्शन सीन्स में उनका जलवा देखने लायक है।
  2. नागार्जुन की दमदार खलनायकी: साइमन जेवियर के रोल में नागार्जुन ने कमाल किया है। उनका स्टाइलिश लुक और शानदार अभिनय रजनीकांत को टक्कर देता है।
  3. आमिर खान का सरप्राइज पैकेज: आमिर खान का छोटा लेकिन प्रभावशाली कैमियो फिल्म का हाईलाइट है। उनकी एंट्री को सोशल मीडिया पर “थिएटर को स्टेडियम बनाने वाला” पल बताया गया है।
  4. अनिरुद्ध का जादुई संगीत: अनिरुद्ध रविचंदर का बैकग्राउंड स्कोर और गाने जैसे ‘कुली डिस्को’ और ‘पावरहाउस’ फिल्म को जोशीला बनाते हैं। उनका बीजीएम हर एक्शन सीन को और रोमांचक करता है।
  5. लोकेश की सिग्नेचर स्टाइल: लोकेश कनगराज की स्टाइलिश डायरेक्शन, गिरीश गंगाधरन की सिनेमैटोग्राफी और अंबरीव की कोरियोग्राफी एक्शन सीन्स को यादगार बनाती है।

कमियां: कहानी और रनटाइम की कमजोरी

  • स्क्रीनप्ले में कमी: सेकंड हाफ में कुछ सब-प्लॉट्स अनावश्यक लगते हैं, जो कहानी को बिखेरते हैं।
  • लंबी रनटाइम: 3 घंटे की रनटाइम कुछ दर्शकों को खटक सकती है। एडिटिंग को और टाइट किया जा सकता था।
  • किरदारों की गहराई: श्रुति हासन और कुछ सपोर्टिंग किरदारों में भावनात्मक गहराई की कमी खलती है।
  • जबरदस्ती गाने: कुछ गाने, जैसे ‘मोनिका’, कहानी में ठूंसे गए लगते हैं और पेस को धीमा करते हैं।

बॉक्स ऑफिस और दर्शकों की प्रतिक्रिया

‘कुली’ ने एडवांस बुकिंग में 100 करोड़ से अधिक कमाए, जिसमें भारत से 45 करोड़ और विदेशों से 55 करोड़ शामिल हैं। पहले दिन 50 करोड़ से अधिक कलेक्शन की उम्मीद है। स्वतंत्रता दिवस का लंबा वीकेंड फिल्म के लिए फायदेमंद है।

क्या देखें ‘कुली’?
रजनीकांत के फैंस और मास एक्शन फिल्मों के शौकीनों के लिए ‘कुली’ एक ट्रीट है। यह रजनीकांत का स्वैग, लोकेश की स्टाइल और अनिरुद्ध के संगीत का धमाकेदार मिश्रण है। हालांकि, टाइट स्क्रिप्ट की चाहत रखने वालों को थोड़ी निराशा हो सकती है।

रेटिंग: 3.5/5
‘कुली’ एक मास एंटरटेनर है, जो रजनीकांत के जादू को थिएटर में जीवंत करता है। यह ‘विक्रम’ जितनी मजबूत नहीं, लेकिन फैंस के लिए पैसे वसूल है।

अंतिम फैसला:
‘कुली’ रजनीकांत के करिश्मे और लोकेश की स्टाइल का शानदार कॉम्बिनेशन है। थिएटर में तालियां और सीटियां गारंटी हैं।

नोट: टिकट बुक करने से पहले थिएटर टाइमिंग चेक करें, क्योंकि तमिलनाडु में सुबह 9 बजे से पहले शो की अनुमति नहीं है। अपने रिव्यू कमेंट में शेयर करें!

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