क्रिकेट की दुनिया में नई पहचान – सार्थक रंजन बिहार की धरती ने कई खिलाड़ियों को जन्म दिया है, जिन्होंने राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। इन्हीं उभरते सितारों में एक नाम तेजी से सुर्खियों में है – सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव के बेटे सार्थक रंजन। हाल ही में हुए DPL (दिल्ली प्रीमियर लीग) में सार्थक ने अपने बल्ले से ऐसी चमक बिखेरी कि क्रिकेट प्रेमियों की निगाहें उन पर टिक गईं। उनकी आक्रामक बल्लेबाज़ी और स्थिर तकनीक ने यह साबित कर दिया कि उनमें लंबी पारी खेलने का दम है। अब उनका अगला लक्ष्य है – IPL जैसी बड़ी लीग में जगह बनाना।

पारिवारिक पृष्ठभूमि और शुरुआती सफर सार्थक रंजन का नाम भले ही राजनीति से जुड़े परिवार से आता हो, लेकिन उन्होंने अपना करियर राजनीति से दूर, खेल के मैदान में बनाने का फैसला किया। उनके पिता पप्पू यादव बिहार की राजनीति में एक बड़ा नाम हैं, जबकि सार्थक की दिलचस्पी शुरू से ही खेलों, खासकर क्रिकेट में रही। छोटी उम्र से ही उन्होंने क्रिकेट को गंभीरता से लिया। पटना और दिल्ली में क्रिकेट की ट्रेनिंग लेते हुए उन्होंने लगातार अपनी तकनीक पर काम किया। उनका फोकस हमेशा फिटनेस और मैच टेम्परामेंट को सुधारने पर रहा।

DPL में शानदार प्रदर्शन DPL जैसे टूर्नामेंट युवा खिलाड़ियों के लिए एक बेहतरीन प्लेटफॉर्म साबित होते हैं। यहां अच्छा प्रदर्शन कर कोई भी खिलाड़ी सेलेक्टर्स की नज़र में आ सकता है। सार्थक रंजन ने इस लीग में न केवल रन बनाए, बल्कि टीम को कई मौकों पर जीत भी दिलाई। उनके बल्ले से आए तेज़तर्रार चौके-छक्कों ने दर्शकों को रोमांचित कर दिया। खासकर उनकी बल्लेबाज़ी की ये खूबियाँ सामने आईं – आक्रामक शुरुआत करने की क्षमता स्पिन और पेस दोनों गेंदबाज़ों के खिलाफ बेहतरीन खेल प्रेशर में स्थिर रहना फिनिशर का रोल निभानायही कारण है कि क्रिकेट एक्सपर्ट्स और कोच उनकी तुलना कई स्थापित IPL खिलाड़ियों से करने लगे हैं।

अब IPL की राह
IPL केवल एक टूर्नामेंट नहीं, बल्कि ऐसा मंच है जहां खिलाड़ी सीधे भारतीय टीम तक पहुंच सकते हैं। पिछले 15 वर्षों में अनगिनत युवा खिलाड़ियों ने IPL से अपनी पहचान बनाई है। सार्थक रंजन का अगला बड़ा सपना भी यही है – IPL टीम का हिस्सा बनना। उनकी मेहनत और हालिया प्रदर्शन को देखकर यह कहना गलत नहीं होगा कि यदि उन्हें ट्रायल्स और ऑक्शन में मौका मिलता है, तो वे किसी भी टीम के लिए अहम खिलाड़ी साबित हो सकते हैं।

बिहार के खिलाड़ियों के लिए चुनौती
यह बात किसी से छिपी नहीं है कि बिहार के खिलाड़ियों को अक्सर क्रिकेट में अपनी प्रतिभा दिखाने का अवसर कम मिलता है। लंबे समय तक BCCI से जुड़े विवादों की वजह से बिहार का क्रिकेट पिछड़ गया था।ऐसे माहौल में अगर कोई खिलाड़ी राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना रहा है, तो यह न केवल उसके लिए, बल्कि पूरे राज्य के लिए गर्व की बात है। सार्थक रंजन का प्रदर्शन यह दिखाता है कि बिहार में टैलेंट की कोई कमी नहीं है। बस जरूरत है सही प्लेटफॉर्म और मौके की।

सार्थक रंजन की खासियतें
क्रिकेट में सफल होने के लिए केवल बल्लेबाज़ी या गेंदबाज़ी की कला ही काफी नहीं होती, बल्कि खिलाड़ी का रवैया, फिटनेस और मानसिक मजबूती भी उतनी ही जरूरी होती है। सार्थक की खेल शैली को देखते हुए कुछ मुख्य खूबियाँ सामने आती हैं – पावर हिटिंग में माहिर – डेथ ओवर्स में ताबड़तोड़ रन बनाना। तकनीकी रूप से साउंड – नई गेंद के खिलाफ धैर्य से खेलना। फील्डिंग में चुस्ती – ग्राउंड पर तेज़ और डाइविंग कैच लेने में सक्षम। मैच फिनिशर – दबाव की स्थिति में टीम को जीत दिलाना।

क्रिकेट एक्सपर्ट्स की राय
कई कोच और क्रिकेट विश्लेषकों का मानना है कि सार्थक रंजन में IPL खेलने की पूरी क्षमता है। अगर वे लगातार अपनी फिटनेस और गेमप्लान पर काम करते रहें, तो आने वाले समय में वे बड़े मंच पर भारत का प्रतिनिधित्व कर सकते हैं।
भविष्य की योजनाएँ
सार्थक रंजन अब पूरी तरह से IPL ट्रायल्स और ऑक्शन पर फोकस कर रहे हैं। उनकी कोशिश है कि वे खुद को साबित करने के हर अवसर का सही उपयोग करें। इसके साथ ही वे घरेलू क्रिकेट में भी अपना प्रदर्शन बनाए रखना चाहते हैं, ताकि राष्ट्रीय स्तर पर भी चयनकर्ताओं का ध्यान उनकी ओर जाए।

निष्कर्ष
सांसद पप्पू यादव के बेटे सार्थक रंजन ने यह साबित कर दिया है कि राजनीति से इतर भी वे अपनी पहचान बना सकते हैं। DPL में उनके प्रदर्शन ने उन्हें सुर्खियों में ला दिया है और अब पूरा देश देखना चाहता है कि क्या वे IPL के मंच पर भी वही चमक दिखा पाते हैं।अगर उन्हें मौका मिला और उन्होंने अपने खेल से प्रभावित किया, तो यह बिहार और उनके परिवार दोनों के लिए गर्व का क्षण होगा।