इंग्लैंड और भारत के बीच तीसरे टेस्ट का अंत 22 रन से इंग्लैंड की जीत के साथ हुआ। यह मुकाबला टेस्ट क्रिकेट के ‘फाइन मार्जिन्स’ की याद दिलाने वाला रहा, जिसमें हर सत्र का महत्व साबित हुआ। पांच दिनों तक चली यह भिड़ंत आखिरकार इंग्लैंड के पक्ष में गई, लेकिन भारत ने भी ऐसा संघर्ष किया जिसे नजरअंदाज नहीं किया जा सकता

मैच का लेखा-जोखा
इंग्लैंड: पहली पारी – 387 रन, दूसरी पारी – 192 रन
भारत: पहली पारी – 387 रन, दूसरी पारी – 170 रन
इंग्लैंड ने 22 रन से जीत दर्ज की
इस जीत के साथ इंग्लैंड ने सीरीज में 1-2 की बढ़त बना ली। अब मैनचेस्टर में होने वाला चौथा टेस्ट निर्णायक बन सकता है यदि भारत वापसी कर सके
पहली पारी: भारत के हाथों से फिसला ‘मोमेंटम’
भारत की पहली पारी में KL राहुल और ऋषभ पंत ने 141 रनों की बेहतरीन साझेदारी की थी राहुल शतक की ओर बढ़ रहे थे लेकिन लंच से पहले जल्दबाजी में रन आउट हो गए इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स के डायरेक्ट हिट ने मैच की दिशा बदल दी यह रनआउट भारत के लिए काफी महंगा साबित हुआ राहुल के आउट होते ही पंत भी ज्यादा देर नहीं टिक पाए और भारत बड़ा स्कोर खड़ा करने का मौका गंवा बैठा

बॉल चेंज विवाद
दूसरी सुबह भारत के पास नया गेंद थी और बुमराह ने तीन विकेट झटक कर इंग्लैंड को 271/7 कर दिया था तभी अंपायरों ने गेंद बदल दी भारत को मिली नई गेंद ‘लाइक फॉर लाइक’ नहीं थी, जिससे स्विंग कम होने लगी इसका फायदा इंग्लैंड के निचले क्रम ने उठाया ब्रायडन कार्से की पारी ने उन्हें 387 तक पहुंचा दिया। यह घटना मैच के निर्णायक मोड़ में से एक थी

इंग्लैंड की दूसरी पारी और जाफर आर्चर का जलवा
दूसरी पारी में इंग्लैंड के बल्लेबाज कुछ खास नहीं कर पाए और टीम 192 पर ऑलआउट हो गई जाफर आर्चर, जिन्होंने लगभग 6 साल बाद टेस्ट टीम में वापसी की थी, ने अपनी गेंदबाजी से बड़ा प्रभाव छोड़ा बेन स्टोक्स ने कहा भी, “गट फीलिंग थी कि जॉफ कुछ स्पेशल करेगा

भारत की दूसरी पारी और जडेजा की जिद
170 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए भारत की शुरुआत खराब रही इंग्लैंड ने तीन जल्दी विकेट लेकर मैच को कब्जे में कर लिया लेकिन जैसे पहली पारी में, वैसे ही दूसरी पारी में रवींद्र जडेजा ने मोर्चा संभाला जब 112/8 का स्कोर था, तब जडेजा ने tailenders के साथ मिलकर 58 रन जोड़े उनकी पारी में धैर्य, तकनीक और जिद का अद्भुत संगम दिखा
जडेजा लॉर्ड्स टेस्ट में दोनों पारियों में 50+ स्कोर करने वाले भारत के केवल दूसरे खिलाड़ी बने (पहले – वीनू मांकड़, 1952)

स्टोक्स का ‘ऑलराउंड’ योगदान
बेन स्टोक्स को प्लेयर ऑफ द मैच चुना गया
लॉर्ड्स पर उनका यह चौथा ‘प्लेयर ऑफ द मैच’ अवॉर्ड है, जो किसी भी खिलाड़ी के लिए सर्वाधिक है
193 रन + 3 विकेट बनाम NZ (2015)
60 रन + 6 विकेट बनाम WI (2017)
128 रन बनाम Aus (2019)
77 रन + 5 विकेट बनाम Ind (2025)
आंखों को नम करने वाला अंत
अंतिम विकेट मोहम्मद सिराज का गिरा जैसे ही उनकी गिल्लियां उड़ीं, वह वहीं रुक गए और घुटनों के बल बैठ गए रूट और स्टोक्स उनके पास पहुंचे, सिराज को गले लगाया और सांत्वना दी दूसरी ओर, इंग्लैंड के खिलाड़ी जडेजा की तारीफ करते हुए दिखे स्टोक्स ने उन्हें हेलमेट पर थपकी दी और कहा कि वह टीम के असली फाइटर हैं यह क्रिकेट की ‘स्पिरिट’ को दर्शाने वाला दृश्य था
आंकड़े जो मैच का महत्व बताते हैं
इंग्लैंड ने लॉर्ड्स में 193 रनों का टारगेट डिफेंड किया, जो मैदान के इतिहास का चौथा सबसे छोटा सफल बचाव है।
भारत की सबसे करीबी हार (रनों से) में यह चौथी रही:
12 रन बनाम पाक, चेन्नई 1999
16 रन बनाम ऑस्ट्रेलिया, ब्रिस्बेन 1977
16 रन बनाम पाक, बेंगलुरु 1987
22 रन बनाम इंग्लैंड, लॉर्ड्स 2025

विफलता के कारण
- टॉप-ऑर्डर फेलियर: कोई भी बल्लेबाज दोनों पारियों में टिककर बड़ी पारी नहीं खेल पाया
- गेंद बदलने का विवाद, जिससे स्विंग खत्म हुई
- राहुल-पंत रनआउट, जब भारत हावी था
- बेन स्टोक्स की ऑलराउंड brilliance और जॉफ्रा आर्चर की fiery spell
आगे की राह
भारत अब 1-2 से पीछे है और सीरीज बराबरी के लिए मैनचेस्टर टेस्ट में पूरी ताकत झोंकनी होगी बुमराह की फिटनेस पर संशय बना हुआ है इंग्लैंड आत्मविश्वास से लबरेज है और बशीर, आर्चर, कार्से का संयोजन उन्हें खतरनाक बना रहा है
सबसे बड़ा फॉर्मेट
लॉर्ड्स टेस्ट ने एक बार फिर साबित किया कि टेस्ट क्रिकेट क्यों सबसे बड़ा फॉर्मेट है यहां प्रतिभा, जिद, रणनीति और ‘स्पिरिट’ सबकी परीक्षा होती है इंग्लैंड जीता, भारत हारा – लेकिन क्रिकेट जीत गया ऐसी श्रृंखलाएं ही दर्शकों के दिलों में खेल के लिए सम्मान और प्रेम बनाए रखती हैं