क्रिकेट की अर्थव्यवस्था पर बड़ा झटका
भारत सरकार द्वारा रियल मनी गेमिंग (RMG) पर प्रतिबंध लगाने के फैसले ने क्रिकेट इकोनॉमी को गहरा झटका दिया है। भारतीय टीम के जर्सी प्रायोजक Dream11 का बाहर होना सिर्फ शुरुआत है – यह पूरे फैंटेसी गेमिंग उद्योग के लिए झटका है, जिसने लंबे समय से क्रिकेट को आर्थिक ऑक्सीजन दी थी।
बीसीसीआई को उम्मीद है कि एशिया कप से पहले नया जर्सी प्रायोजक मिल जाएगा, लेकिन बड़े पैमाने पर प्रभाव क्रिकेटरों, फ्रेंचाइजी और छोटे टूर्नामेंटों पर पड़ेगा।

क्रिकेटरों की आय पर असर
लगभग हर भारतीय क्रिकेटर का फैंटेसी गेमिंग ब्रांड्स के साथ अनुबंध था।
विराट कोहली (MPL), धोनी (WinZO), रोहित शर्मा, बुमराह, पांड्या ब्रदर्स (Dream11), शुभमन गिल और मोहम्मद सिराज (My11Circle) – सभी इससे प्रभावित होंगे।
कोहली का सालाना अनुबंध 10-12 करोड़ रुपये का था, जबकि रोहित शर्मा और धोनी को 6-7 करोड़ रुपये मिलते थे।
युवाओं के लिए यह आंकड़ा करीब 1 करोड़ रुपये तक था।
अनुमान: खिलाड़ियों को सामूहिक रूप से 150-200 करोड़ रुपये सालाना का नुकसान होगा।
सिराज और वॉशिंगटन सुंदर जैसे खिलाड़ियों की 33% एंडोर्समेंट आय कम हो जाएगी, जबकि कुछ की पूरी आय ही खत्म हो सकती है।

आईपीएल और फ्रेंचाइजी पर प्रभाव
My11Circle आईपीएल का एसोसिएट प्रायोजक है, जो बीसीसीआई को हर साल 125 करोड़ देता था। अनुबंध में अभी 3 साल बाकी थे, लेकिन अब यह खत्म होगा।
KKR, LSG और SRH जैसी फ्रेंचाइजी को सालाना 10-20 करोड़ रुपये का नुकसान होगा।
लीजेंड्स लीग और राज्य स्तरीय टूर्नामेंट भी राजस्व संकट का सामना करेंगे।
विज्ञापन उद्योग को भारी नुकसान
विशेषज्ञों का अनुमान है कि इस फैसले से:
विज्ञापन उद्योग को 8,000-10,000 करोड़ रुपये का घाटा होगा।
कुल विज्ञापन बाजार का 7-8% और डिजिटल विज्ञापन का 15-20% हिस्सा खत्म हो जाएगा।

सरकार का नजरिया और विवाद
सरकार का कहना है कि यह कदम गेमिंग लत और आर्थिक नुकसान से समाज को बचाने के लिए जरूरी है।
पीएम मोदी ने इसे “ऑनलाइन मनी गेम्स के हानिकारक प्रभावों से समाज की रक्षा” बताया।
लेकिन आलोचकों का तर्क है – अगर गेमिंग बैन है, तो शराब, कैसीनो और जुए को भी उसी श्रेणी में रखना चाहिए।
कुछ विशेषज्ञों को डर है कि इससे खिलाड़ी अवैध बेटिंग मार्केट की ओर जा सकते हैं।

कानूनी ढांचा
नया कानून सभी मनी गेम्स और उनके विज्ञापनों पर पूर्ण प्रतिबंध लगाता है।
बैंकिंग चैनलों को भी रोक दिया गया है ताकि लेनदेन न हो सके।
सरकार इसके लिए राष्ट्रीय स्तर का प्राधिकरण बनाएगी, जो गेम्स का वर्गीकरण, पंजीकरण और शिकायत निवारण करेगा।
उल्लंघन पर 3 साल की जेल या 1 करोड़ रुपये का जुर्माना हो सकता है।
निचोड़
क्रिकेटरों की कमाई, आईपीएल का बिज़नेस मॉडल और विज्ञापन उद्योग – तीनों को इस बैन से गहरा झटका लगा है। जहां बड़े सितारों पर असर सीमित होगा, वहीं उभरते खिलाड़ियों और छोटी लीगों के लिए यह झटका अस्तित्व का सवाल बन सकता है।