पटना, बिहार की राजधानी, अब आधुनिक मेट्रो सुविधा के साथ देश के प्रमुख शहरों की कतार में शामिल होने जा रही है। पटना मेट्रो रेल प्रोजेक्ट शहर की बढ़ती आबादी और यातायात की समस्याओं का स्थायी समाधान बनेगा। यह न केवल लोगों की यात्रा को आसान बनाएगा, बल्कि पर्यावरण को भी स्वच्छ रखने में मदद करेगा।

प्रोजेक्ट का अवलोकन
पटना मेट्रो एक मास रैपिड ट्रांजिट सिस्टम (MRTS) है, जिसका विकास पटना मेट्रो रेल कॉरपोरेशन लिमिटेड (PMRCL) द्वारा किया जा रहा है। इसमें बिहार सरकार और केंद्र सरकार की साझेदारी है, और जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) से लगभग 60% फंडिंग मिल रही है।
कुल लागत: ₹13,365.77 करोड़
जनसंख्या कारण: 2011 में 1.68 मिलियन से बढ़कर 2022 में 2.5 मिलियन से अधिक, जिससे ट्रैफिक और प्रदूषण की समस्या बढ़ी।
मुख्य विशेषताएं
पहला चरण: दो कॉरिडोर
कॉरिडोर 1 (पूर्व-पश्चिम)
रूट: दानापुर कैंट से खेमनी चक
लंबाई: 17.93 किमी (7.39 किमी एलिवेटेड + 10.54 किमी अंडरग्राउंड)
स्टेशन: 14 (7 एलिवेटेड + 7 अंडरग्राउंड)
प्रमुख स्टेशन: दानापुर कैंट, सगुना मोड़, आरपीएस मोड़, पटना जू, पटना जंक्शन, जगनपुरा, खेमनी चक
कॉरिडोर 2 (उत्तर-दक्षिण)
रूट: पटना जंक्शन से न्यू ISBT
लंबाई: 14.55 किमी (6.63 किमी एलिवेटेड + 7.92 किमी अंडरग्राउंड)
स्टेशन: 12 (5 एलिवेटेड + 7 अंडरग्राउंड)
प्रमुख स्टेशन: पटना जंक्शन, गांधी मैदान, पटना साइंस कॉलेज, भूतनाथ, न्यू ISBT
प्राथमिक कॉरिडोर (मलाही पकड़ी से न्यू ISBT, 6.1 किमी) अगस्त 2025 से शुरू होगा।
इंटरचेंज स्टेशन
पटना जंक्शन: अंडरग्राउंड इंटरचेंज
खेमनी चक: एलिवेटेड इंटरचेंज

प्रोजेक्ट की वर्तमान स्थिति (जुलाई 2025 तक)
पहली मेट्रो ट्रेन: जुलाई 2025 में पटना पहुंच चुकी है, पुणे में बनी यह 3-कोच ट्रेन जल्द ट्रायल रन पर जाएगी।
टनल निर्माण: मोइन-उल-हक से पटना यूनिवर्सिटी तक पहली 1480 मीटर टनल मई 2024 में पूरी।
निर्माण कार्य: कॉरिडोर 2 के 6 अंडरग्राउंड स्टेशनों के निर्माण का ठेका L&T को ₹1,989 करोड़ में मिला।
भूमि अधिग्रहण: डिपो के लिए 75.9 एकड़ जमीन ली गई, 239 करोड़ का मुआवजा दिया गया।
हादसा: अक्टूबर 2024 में टनल निर्माण हादसे में 2 लोगों की मौत, सुरक्षा प्रोटोकॉल और मजबूत किए गए।
संचालन समय और किराया
समय: सुबह 5 बजे – रात 11 बजे (संभावित) किराया:
0-3 किमी: ₹15
3-6 किमी: ₹30
पेमेंट सिस्टम: QR कोड और NFC आधारित ऑटोमेटेड फेयर कलेक्शन
पटना मेट्रो के फायदे
1. ट्रैफिक जाम और प्रदूषण में कमी
2. तेज, आरामदायक और सुरक्षित यात्रा विकल्प
3. पर्यावरण संरक्षण, ऊर्जा-कुशल तकनीक
4. रोजगार के अवसर और रियल एस्टेट को बढ़ावा
5. बेहतर कनेक्टिविटी – जंक्शन, ISBT, गांधी मैदान, भविष्य में हवाई अड्डों से भी कनेक्शन

चुनौतियां और समाधान
भूमि अधिग्रहण में देरी: कुछ स्थानीय विरोध के चलते
फंडिंग में देरी: JICA से फंड देर से आने पर राज्य सरकार ने ₹115 करोड़ का अतिरिक्त फंड दिया।
तकनीकी समस्याएं: अंडरग्राउंड निर्माण में विशेषज्ञों की मदद ली जा रही है।
भविष्य की योजनाएं