भारत की शानदार बल्लेबाजी: भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट में पहली दो विकेट बिना रन बनाए गंवाने के बाद 425/4 का स्कोर बनाया, जो टेस्ट इतिहास में दुर्लभ उपलब्धि है। शुभमन गिल (103), केएल राहुल (90), रविंद्र जडेजा (107), और वाशिंगटन सुंदर (101) ने शानदार प्रदर्शन किया।
ऐतिहासिक ड्रॉ: भारत ने पहली पारी में 300 से अधिक रनों की बढ़त गंवाने के बाद 143 ओवर बल्लेबाजी कर मैच ड्रॉ कराया, जो उनके धैर्य और कौशल को दर्शाता है। यह भारत का तीसरा सबसे लंबा तीसरी पारी का प्रयास था।
इंग्लैंड की चुनौती: बेन स्टोक्स ने गेंद और बल्ले से शानदार प्रदर्शन किया, लेकिन इंग्लैंड की गेंदबाजी में निरंतरता की कमी रही। पिच में असमान उछाल और फुटमार्क्स होने के बावजूद, भारत ने दबाव को बखूबी संभाला।
टेस्ट क्रिकेट की भावना: मैच के अंत में इंग्लैंड की टीम ने जडेजा और सुंदर के शतक पूरे करने पर आपत्ति जताई, जिससे कुछ तनावपूर्ण क्षण देखने को मिले। यह खेल भावना पर सवाल उठाता है।
सीरीज की स्थिति: इंग्लैंड 2-1 से आगे है, लेकिन भारत ने इस ड्रॉ के साथ सीरीज को जीवित रखा है। अंतिम टेस्ट ओवल में 4 दिन बाद शुरू होगा।
रिकॉर्ड्स और आंकड़े:
– भारत ने इस सीरीज में 7 बार 350+ स्कोर बनाया, जो टेस्ट इतिहास में सर्वाधिक है।
– भारत ने एक सीरीज में 11 शतक बनाए, जो 1978/79 के बाद संयुक्त रूप से सबसे ज्यादा है।
– ओल्ड ट्रैफर्ड में टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने वाली कोई भी टीम टेस्ट नहीं जीती (3 हार, 9 ड्रॉ)।
– बेन स्टोक्स का ऑलराउंड प्रदर्शन (5 विकेट और शतक) इस टेस्ट का मुख्य आकर्षण रहा।

टेस्ट क्रिकेट का रोमांच एक बार फिर ओल्ड ट्रैफर्ड में देखने को मिला, जब भारत ने इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट में असंभव को संभव कर दिखाया। पहली पारी में 669 रनों का विशाल स्कोर खड़ा करने वाली इंग्लैंड की टीम ने भारत को दबाव में ला दिया था, लेकिन भारतीय बल्लेबाजों ने हार नहीं मानी। शुभमन गिल की कप्तानी में भारत ने 143 ओवर तक बल्लेबाजी कर 425/4 का स्कोर बनाया और मैच ड्रॉ कराया।
भारत की बल्लेबाजी का कमाल
पहले ओवर में दो विकेट गंवाने के बाद भारत का स्कोर 0/2 था, लेकिन इसके बाद गिल (103), राहुल (90), जडेजा (107), और सुंदर (101) ने शानदार प्रदर्शन किया। यह पहली बार था जब भारत के चार बल्लेबाजों ने एक टेस्ट सीरीज में 400 से अधिक रन बनाए। गिल और राहुल की साझेदारी ने दो सत्रों तक इंग्लैंड को गेंदबाजी में निराश किया, जबकि जडेजा और सुंदर ने अंतिम दिन शतक जड़कर भारत की जीत को और यादगार बनाया।

बेन स्टोक्स का जादू, लेकिन…
इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स ने 5 विकेट और एक शतक के साथ ऑलराउंड प्रदर्शन किया। उनकी गेंदबाजी में केएल राहुल का विकेट निर्णायक मोड़ हो सकता था, लेकिन भारत ने हार नहीं मानी। इंग्लैंड की गेंदबाजी में स्टोक्स को छोड़कर बाकी गेंदबाजों का प्रदर्शन औसत रहा। पिच में असमान उछाल और फुटमार्क्स होने के बावजूद, भारत ने हर चुनौती का डटकर सामना किया।
विवाद और खेल भावना
मैच के अंत में इंग्लैंड की टीम ने जडेजा और सुंदर के शतक पूरे करने पर आपत्ति जताई। इंग्लैंड चाहता था कि खेल जल्द खत्म हो, लेकिन भारतीय बल्लेबाज अपने मील के पत्थर तक पहुंचना चाहते थे। इस दौरान दोनों टीमों के बीच तीखी नोकझोंक हुई, जिसने खेल भावना पर सवाल उठाए। प्रशंसकों का मानना है कि इंग्लैंड को बल्लेबाजों की उपलब्धि का सम्मान करना चाहिए था।

ऐतिहासिक आंकड़े
– भारत ने इस सीरीज में 7 बार 350+ स्कोर बनाया, जो टेस्ट इतिहास में एक रिकॉर्ड है।
– भारत ने 11 शतक बनाए, जो 1978/79 के बाद संयुक्त रूप से सबसे ज्यादा है।
– ओल्ड ट्रैफर्ड में टॉस जीतकर पहले गेंदबाजी करने वाली कोई भी टीम टेस्ट नहीं जीती।
– यह बेन स्टोक्स के ‘बैजबॉल’ युग का दूसरा ड्रॉ था, पहला भी इसी मैदान पर हुआ था।
सीरीज का भविष्य
इंग्लैंड 2-1 से आगे है, लेकिन भारत ने इस ड्रॉ के साथ सीरीज को जीवित रखा है। ओवल में होने वाला अंतिम टेस्ट अब रोमांचक होने की उम्मीद है। भारत भले ही सीरीज नहीं जीत सकता, लेकिन ड्रॉ के साथ अपनी प्रतिष्ठा बरकरार रख सकता है।

यह टेस्ट मैच टेस्ट क्रिकेट की सुंदरता को दर्शाता है। भारत की बल्लेबाजी, इंग्लैंड का दबाव, और अंत में खेल भावना पर बहस ने इस मैच को यादगार बना दिया। शुभमन गिल की अगुवाई में भारत ने दिखाया कि दबाव में भी वे हार नहीं मानते। टेस्ट क्रिकेट जिंदाबाद!