
भारत ने रवींद्र जडेजा, वॉशिंगटन सुंदर और शुभमन गिल की शानदार शतकीय पारियों की बदौलत इंग्लैंड के खिलाफ चौथे टेस्ट में कठिन ड्रॉ हासिल किया। केएल राहुल और गिल की 188 रनों की साझेदारी के बाद जडेजा और सुंदर की नाबाद 203 रनों की साझेदारी ने इंग्लैंड की जीत की उम्मीदों को तोड़ दिया। यह ड्रॉ बेन स्टोक्स और ब्रेंडन मैकुलम के ‘बैजबॉल’ युग में भारत का दूसरा ड्रॉ रहा। अब सीरीज 2-1 के स्कोर के साथ 31 जुलाई से द ओवल में होने वाले पांचवें टेस्ट के लिए जिंदा है।
मैच का सार:
भारत ने पहली पारी में 358 रन बनाए (साई सुदर्शन 61, यशस्वी जायसवाल 58; बेन स्टोक्स 5-72), जबकि इंग्लैंड ने जो रूट (150) और बेन स्टोक्स (141) के शतकों की मदद से 669 रन बनाए। भारत की दूसरी पारी में शुरुआती झटकों के बाद राहुल (90) और गिल (103) ने पारी को संभाला। गिल के आउट होने के बाद जडेजा (107*) और सुंदर (101*) ने शानदार बल्लेबाजी कर इंग्लैंड को कोई मौका नहीं दिया। दोनों ने अंतिम सत्र में आक्रामक रुख अपनाया और अपने-अपने शतक पूरे किए।
जडेजा का विवादास्पद क्षण:
मैच के अंतिम घंटे में स्टोक्स ने ड्रॉ के लिए हाथ मिलाने का प्रस्ताव दिया, लेकिन जडेजा ने इसे ठुकरा दिया क्योंकि वह अपने शतक से 11 रन दूर थे। इस फैसले से स्टोक्स और कुछ इंग्लिश खिलाड़ी नाराज दिखे। जडेजा ने हैरी ब्रूक की गेंद पर छक्का मारकर अपना पांचवां टेस्ट शतक पूरा किया, जबकि सुंदर ने भी ब्रूक की गेंदबाजी पर अपना पहला टेस्ट शतक बनाया। दोनों के शतकों के बाद ही टीमें ड्रॉ पर सहमत हुईं।

मैच की मुख्य बातें:
पहला सत्र: राहुल और गिल ने सुबह के सत्र में भारत को संकट से उबारा, लेकिन स्टोक्स ने राहुल को 90 पर LBW आउट किया। गिल ने भी कुछ करीबी LBW अपीलों का सामना किया और अपने आठवें टेस्ट शतक तक पहुंचे, लेकिन जोफ्रा आर्चर की गेंद पर आउट हो गए।
दूसरा सत्र: जडेजा और सुंदर ने इंग्लैंड के गेंदबाजों का डटकर सामना किया। असमान उछाल और स्पिनरों की टर्निंग गेंदों के बावजूद दोनों ने धैर्य और आक्रामकता का शानदार मिश्रण दिखाया।
अंतिम सत्र: जडेजा ने लियाम डॉसन के खिलाफ आक्रामक रुख अपनाया, जबकि सुंदर ने जो रूट की गेंदों पर लगातार तीन चौके जड़े। दोनों ने हैरी ब्रूक की धीमी गेंदबाजी का फायदा उठाकर अपने शतक पूरे किए।
सीरीज की स्थिति:
इस ड्रॉ के साथ भारत सीरीज में 1-2 से पीछे है। अब पांचवां टेस्ट द ओवल में होगा, जहां भारत सीरीज को बराबर करने की कोशिश करेगा।

जडेजा, सुंदर और गिल की शतकीय पारियों ने भारत की जुझारू भावना को दर्शाया। जडेजा का स्टोक्स के प्रस्ताव को ठुकराना और फिर शतक पूरा करना इस टेस्ट की सबसे यादगार घटना रही। यह मैच टेस्ट क्रिकेट की रोमांचक प्रकृति और भारत की दृढ़ता का प्रतीक बन गया।