कुत्ते ने काटा, नहीं ली एंटी-रेबीज वैक्सीन कबड्डी खिलाड़ी की दर्दनाक मौत

एक शानदार कबड्डी खिलाड़ी, बृजेश सोलंकी, की दुखद मृत्यु हो गई क्योंकि उन्हें एक कुत्ते के बच्चे ने काट लिया था और उन्हें रेबीज हो गया यह हम सभी के लिए एक चेतावनी है
मेक्सिको सरकार ने बड़े पैमाने पर कुत्तों का टीकाकरण किया और वह रेबीज मुक्त पहला देश बन गया भारतीय सरकार को भी इस पर गंभीरता से सोचने और कार्य करने की आवश्यकता है

आवारा कुत्ते के कारण

उत्तर प्रदेश के 22 वर्षीय राज्य स्तरीय कबड्डी खिलाड़ी, की मौत reportedly रेबीज से हो गई। कुछ हफ्ते पहले, उन्हें एक आवारा कुत्ते के बच्चे ने काट लिया था, जिसे उन्होंने नाले से निकालकर बचाया था।

बॉडी कंट्रोल से बाहर होने लगा

जून के अंत में अभ्यास के दौरान जब उनकी बॉडी में सुन्नता महसूस होने लगी और बाद में पानी से डर (हाइड्रोफोबिया) जैसे लक्षण दिखने लगे, तब भी उनका सही इलाज नहीं हो सका

लापरवाही का नतीजा

कई सरकारी अस्पतालों ने उन्हें भर्ती नहीं किया। आखिरकार नोएडा के एक निजी अस्पताल में जांच के बाद रैबीज की पुष्टि हुई, लेकिन तब तक उनकी हालत काफी बिगड़ चुकी थी

अंततः 1 जुलाई 2025 को उनकी मौत हो गई। यह घटना इस बात की कड़ी चेतावनी है कि जानवर के काटने पर तुरंत वैक्सीन लगवाना कितना जरूरी है

रैबीज: एक खतरनाक और चुपके से मारने वाला वायरस

•रैबीज के लक्षण – जैसे पानी और हवा से डर, बेचैनी, अत्यधिक लार आना, भ्रम और आक्रामकता – बेहद घातक होते हैं, और इनका असर दिखने के बाद मरीज की जान बचाना लगभग नामुमकिन होता है

•विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के मुताबिक, लक्षण दिखने के बाद रैबीज से मौत का खतरा लगभग 100% होता है। हालांकि, अगर समय रहते टीका लगवा लिया जाए तो इस जानलेवा बीमारी से पूरी तरह बचाव संभव है

•यह हादसा दिखाता है कि बिना वैक्सीनेशन छोड़ी गई मामूली सी काट भी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकती है, खासकर रैबीज जैसे घातक संक्रमण के मामले में

•इस घटना के बाद राज्य और स्वास्थ्य विभागों ने जागरूकता अभियान शुरू किया और 29 ग्रामीणों को एंटी-रेबीज वैक्सीन लगाई गई

•यह साफ है कि सिर्फ इलाज ही काफी नहीं है। जरूरी है पूर्व तैयारी – जैसे कुत्तों का नियमित टीकाकरण, लोगों में सुरक्षा के प्रति जागरूकता और स्वास्थ्य व्यवस्था को मजबूत बनाना

पिल्ले या कुत्ते के काटने पर तुरंत क्या करें

  1. घाव को तुरंत धोएं – काटे गए हिस्से को साबुन और पानी से कम से कम 15 मिनट तक अच्छी तरह धोएं
  2. पट्टी लगाएं – खून बहना रोकने के लिए साफ कपड़े से
    हल्की पट्टी बांधें
  3. डॉक्टर के पास जाएं – बिना देर किए डॉक्टर से संपर्क करें। पोस्ट-एक्सपोजर प्रोफिलैक्सिस (PEP) में रैबीज वैक्सीन और जरूरत पड़ने पर इम्युनोग्लोब्युलिन शामिल होता है।
  4. लक्षणों पर नजर रखें – सुन्न होना, डर लगना (हाइड्रोफोबिया), घबराहट, भ्रम या आक्रामकता जैसे रैबीज के लक्षण दिखें तो तुरंत अस्पताल

आप तैयार रहे
•रेबीज के मरीज को सबसे खतरनाक लक्षण होता है •हाइड्रोफोबिया
•इसमें व्यक्ति को पानी से डर लगने लगता है
•प्यास लगती है लेकिन पानी पीने की कोशिश करते ही गले •और शरीर में असहनीय ऐंठन होने लगती है
•पानी देखने भर से घबराहट, झटके और सांस रुकने जैसी •स्थिति बन जाती है
•यही वजह है कि रेबीज 100% घातक माना जाता है
•अगर किसी जानवर ने काटा है, तो तुरंत पोस्ट एक्सपोज़र •वैक्सीन लगवाना ही एकमात्र बचाव है।

•रैबीज के लक्षण
•इलाज का पूरा चिकित्सा प्रोटोकॉल
•ग्रामीण जागरूकता अभियान की प्रभावी युक्तियाँ
•और बृजेश के कबड्डी करियर की प्रेरक यादें

हमें बचाओ

•भारत का भविष्य कुत्तों के काटने, आवारा कुत्तों के आतंक •और रेबीज के खतरे में है।
•भारत को आवारा कुत्ता मुक्त बनाओ!

•आवारा कुत्तों के लिए शेल्टर बनाओ।
•गोद लेने को प्रोत्साहित करो।
•सार्वजनिक स्थानों पर खिलाना बंद करो, केवल शेल्टर्स में ही खाना मिले।
•सहायता केवल रजिस्टर्ड NGO को ही दी जाए।

निष्कर्ष
बृजेश ने अपनी “दर्द या चोट” की जरूरत को मामूली समझकर जो अनदेखी की, उसकी कीमत उन्हें अपनी जान देकर चुकानी पड़ी। रैबीज जैसे संक्रमण इंसान को समय देने का भ्रम देते हैं। इन्हें रोकने का एकमात्र तरीका है समय पर वैक्सीनेशन और तुरंत मेडिकल सहायता लेना। यह घटना हम सभी के लिए एक जीती-जागती चेतावनी और महत्वपूर्ण सीख है।

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