उत्तराखंड, जो अपनी सुरम्य वादियों और शांत वातावरण के लिए विश्वविख्यात है, एक बार फिर प्रकृति की मार का शिकार हुआ। 5 अगस्त 2025 को उत्तरकाशी जिले के हर्षिल क्षेत्र में खीर गंगा गदेरे (नाले) में बादल फटने की घटना ने धराली गांव में कहर बरपाया। इस आपदा ने न केवल जन-जीवन को प्रभावित किया बल्कि इस शांत पहाड़ी गांव की आत्मा को झकझोर कर रख दिया। आइए इस त्रासदी को गहराई से समझते हैं – इसके कारणों, प्रभावों, राहत कार्यों और भविष्य की तैयारियों सहित।

धराली गांव: हिमालय की गोद में बसा स्वर्ग
धराली गांव उत्तरकाशी जिले की भटवारी तहसील में स्थित है और हर्षिल घाटी का हिस्सा है। यह स्थल गंगोत्री धाम की यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं और पर्यटकों के लिए एक महत्त्वपूर्ण पड़ाव है। यह गांव समुद्र तल से 2,745 मीटर (9,005 फीट) की ऊंचाई पर बसा है और अपने सेब के बागानों, हरियाली, और शांति के लिए प्रसिद्ध है।
जनसंख्या (2011): 583
परिवार: 137
हर्षिल से दूरी: 7 किमी
उत्तरकाशी से दूरी: 79 किमी
यह गांव पर्यटन पर निर्भर है – यहां कई होटल, होमस्टे, और रेस्तरां हैं जो स्थानीय लोगों की आजीविका का आधार हैं।

घटना का विवरण: जब बादल फटा
मंगलवार दोपहर, हर्षिल क्षेत्र में स्थित खीर गंगा नाले के जलग्रहण क्षेत्र में बादल फटा। इस अचानक हुई मूसलधार बारिश ने नाले को उफान पर ला दिया और उसमें से पानी, मलबा और भारी पत्थर बाढ़ बनकर धराली गांव में आ घुसे।
20-25 होटल और होमस्टे क्षतिग्रस्त हुए
5 होटल पूरी तरह बह गए
धराली बाजार मलबे से ढक गया
सड़कें बंद, आवागमन बाधित
स्थानीय लोगों के अनुसार, पानी का बहाव इतना तेज था कि कई ढांचे चंद मिनटों में जमींदोज हो गए।

तबाही का पैमाना
इस हादसे से हुई तबाही भयावह है:
4 लोगों की मृत्यु की पुष्टि
50-60 लोग लापता, जिनमें
10-12 मजदूर
11 सेना के जवान शामिल हैं
आर्मी कैंप को भी नुकसान
घर, दुकानें, होटल, सड़कें सब तबाह
हरिद्वार में गंगा का जलस्तर बढ़ा, हाई अलर्ट घोषित

राहत और बचाव कार्य
प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए राहत और बचाव अभियान शुरू किया। मुख्य एजेंसियों ने मिलकर त्वरित और साहसी कार्य किए:
तैनात टीमें:
भारतीय सेना
ITBP (भारत-तिब्बत सीमा पुलिस)
SDRF (राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल)
NDRF (राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल)
स्थानीय प्रशासन
अब तक:
150+ लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया
20 नागरिकों को सेना ने बचाया
80 लोगों को SDRF ने गंगोत्री से निकाला
घायलों का इलाज सेना के M.I. रूम में जारी
हेल्पलाइन नंबर:
01374-222126
01374-222722
9456556431

सरकार की प्रतिक्रिया
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्थिति की समीक्षा की और प्रशासन को त्वरित राहत कार्य करने के निर्देश दिए।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी मदद का आश्वासन दिया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह ने दुख जताया और राहत कार्यों के लिए अतिरिक्त टीमें भेजी।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू और राहुल गांधी ने भी संवेदना व्यक्त की।
बादल फटने के कारण और चेतावनी
बादल फटना एक मौसम संबंधी आपदा है जिसमें सीमित क्षेत्र में बेहद कम समय में अत्यधिक वर्षा होती है। यह घटना आमतौर पर मानसून के दौरान होती है।
संभावित कारण:
जलवायु परिवर्तन
अत्यधिक वनों की कटाई
अनियोजित निर्माण
नाजुक पारिस्थितिकी तंत्र पर दबाव
मौसम विभाग ने पहले ही भारी वर्षा की चेतावनी जारी की थी, लेकिन ऐसी घटनाओं की सटीक भविष्यवाणी अभी भी कठिन है। विशेषज्ञों का मानना है कि बेहतर तकनीक और निगरानी प्रणाली की मदद से अलर्ट सिस्टम को प्रभावी बनाया जा सकता है।

निष्कर्ष: सीख और तैयारी
धराली गांव की त्रासदी एक बार फिर हमें यह याद दिलाती है कि प्राकृतिक आपदाएं कभी भी और कहीं भी आ सकती हैं। हालांकि सरकार और राहत एजेंसियों की तेज प्रतिक्रिया सराहनीय रही, लेकिन यह समय है कि हम लंबी अवधि की रणनीति अपनाएं:
पर्यावरण संरक्षण को प्राथमिकता दें
स्थायी विकास को बढ़ावा दें
स्थानीय समुदायों को प्रशिक्षित करें
पूर्व चेतावनी प्रणाली को सुदृढ़ करें
धराली के लोगों की हिम्मत, और राहत कार्यों में लगे जवानों और अधिकारियों का साहस हमें प्रेरित करता है। हम उन सभी के लिए प्रार्थना करते हैं जो प्रभावित हुए हैं – विशेष रूप से लापता लोगों के सुरक्षित वापस लौटने की।
हमारी संवेदनाएं पीड़ित परिवारों के साथ हैं। यह संकट हमें प्रकृति और पर्यावरण के साथ संतुलन बनाए रखने की सख्त जरूरत की याद दिलाता है।