
जेवर एयरपोर्ट के आसपास 20 किलोमीटर के क्षेत्र में किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य या वृक्षारोपण करने से पहले अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लेना अनिवार्य कर दिया गया है। विमानों की सुरक्षित लैंडिंग और टेकऑफ सुनिश्चित करने के लिए हवाई परिस्थिति तंत्र को सुरक्षित बनाए रखना जरूरी है।

AAI ने नए नियम लागू किए
अगर आप नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के पास जमीन खरीदने या कोई निर्माण करने की योजना बना रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए बेहद जरूरी है। एयरपोर्ट अथॉरिटी ऑफ इंडिया (AAI) ने जेवर एयरपोर्ट के 20 किलोमीटर के दायरे में ऊंचाई को लेकर कड़े नियम लागू कर दिए हैं। अब इस क्षेत्र में बिना ‘हाइट क्लीयरेंस’ या ‘नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट’ (NOC) के न तो कोई निर्माण कार्य किया जा सकेगा और न ही पेड़ लगाए जा सकेंगे।

NOC से लेना होगा अनुमती
उत्तर प्रदेश के जेवर में बन रहे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के 20 किलोमीटर के दायरे में अब किसी भी प्रकार का निर्माण कार्य या पेड़ लगाने से पहले अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) लेना अनिवार्य होगा।
यह फैसला विमानों की सुरक्षित लैंडिंग और टेकऑफ सुनिश्चित करने तथा हवाई परिस्थिति तंत्र को सुरक्षित बनाए रखने के लिए लिया गया है।
ध्वस्त किए जाएंगे अवैध मकान
यमुना इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्राइवेट लिमिटेड (यापल) की सीओओ किरण जैन ने बताया कि 9 जुलाई को जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा की अध्यक्षता में एयरपोर्ट पर्यावरण समिति की समीक्षा बैठक हुई थी। इस बैठक के दौरान गलती से 10 किलोमीटर के दायरे में अवैध निर्माणों को ध्वस्त करने और बिना एनओसी किसी भी निर्माण पर रोक लगाने का आदेश जारी हो गया था।
क्यों जरूरी है यह नियम
न्यूज एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट की चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर किरण जैन ने शुक्रवार को बिल्डरों, स्थानीय प्राधिकरणों और आम लोगों को चेतावनी जारी की। उन्होंने साफ कहा कि इस क्षेत्र में किसी भी तरह की गतिविधि के लिए क्लीयरेंस लेना केवल एक औपचारिकता नहीं है, बल्कि उड़ानों की सुरक्षा और नेविगेशन इंफ्रास्ट्रक्चर को संभावित खतरों और समस्याओं से बचाने के लिए यह बेहद जरूरी है।
जैन ने एक प्रेस बयान में कहा कि जैसे-जैसे नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट के चालू होने का समय नजदीक आ रहा है, विमान संचालन की सुरक्षा और दक्षता सुनिश्चित करने के लिए नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा तय किए गए ऊंचाई प्रतिबंध नियमों का जनता, रियल एस्टेट डेवलपर्स और स्थानीय प्राधिकरणों द्वारा कड़ाई से पालन किया जाना आवश्यक है।
एयरपोर्ट के पास निर्माण से पहले जरूरी है एनओसी लेना
भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) ने स्पष्ट किया है कि एयरपोर्ट के एयरोड्रम रेफरेंस प्वाइंट के 20 किलोमीटर के दायरे में बिना एनओसी के किसी भी प्रकार का निर्माण, ढांचा खड़ा करना या पेड़ लगाना प्रतिबंधित है। यह अनुमति उड़ान संचालन और नेविगेशन व्यवस्था की सुरक्षा के लिए अनिवार्य है।
निर्माण से पहले सभी संबंधित पक्षों को स्थानीय निकायों से संपर्क कर एएआई द्वारा जारी कलर-कोडेड जोनिंग मैप की मदद से अनुमेय ऊंचाई का आकलन करना होगा। इसके बाद पोर्टल पर आवेदन कर एनओसी प्राप्त करना जरूरी है।
नियमों के उल्लंघन पर होगी सख्त कार्रवाई
सीओओ ने चेतावनी दी है कि हवाई क्षेत्र में किसी भी प्रकार का अवैध निर्माण उड़ान सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा है। उन्होंने जिला प्रशासन से ऐसे निर्माणों को रोकने की मांग की है।
विमान (भवन और पेड़ों से उत्पन्न बाधाओं को गिराना) नियम 2023 के तहत, अधिकृत अधिकारी किसी भी अवैध ढांचे या पेड़ को गिराने और दोषियों पर जुर्माना लगाने का अधिकार रखते हैं। नियमों का पालन न करने पर कड़ी कानूनी कार्रवाई की जाएगी।